অ্যায় মেরে বতন কে লোগোঁ | Ae Mere Watan Ke Logon | Key Lyrics

অ্যায় মেরে বতন কে লোগোঁ
Ae Mere Watan Ke Logon
ऐ मेरे वतन के लोगों
Patriotic Song (1962)
गीतकार/Lyrics: कवी प्रदीप (Kabi Pradeep)
संगीतकार/Music Director/
Composer: सी. रामचंद्र (C. Ramchandra)
गायक/Singer: लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar)
আ আ আ
এ্যায় মেরে বতন কে লোগোঁ,
তুম খুব লগা লো নারা
ইয়ে শুভ দিন হ্যায়ঁ হম সব কা
লহরা লো তিরঙ্গা প্যারা
পর মত ভুলো সীমা পর
বীরোঁ নে হ্যায়ঁ প্রাণ গঁবাএ
[কুছ ইয়াদ উন্হে ভী কর লো]-২
[জো লৌট কে ঘর ন আএ]-২
[এ্যায় মেরে বতন কে লোগোঁ
জরা আঁখ মে ভর লো পানি
জো শহীদ হুয়ে হ্যায়ঁ উনকী
জরা ইয়াদ করো কুরবানী]-২
তুম ভুল না জাও উনকো
ইসলিএ সুনো এ কহানী
জো শহীদ হুএ হ্যায়ঁ উনকী
জরা ইয়াদ করো কুরবানী।
জব ঘায়ল হুআ হিমালয়
খতরে মেঁ পড়ী আজাদী
[জব তক থী সাঁস লড়ে বো]-২
ফির অপনী লাশ বিছা দী
সঙ্গীন পে ধর কর মাথা
সো গএ অমর বলিদানী
জো শহীদ হুএ হ্যায়ঁ উনকী
জরা ইয়াদ করো কুরবানী
জব দেশ মেঁ থী দিওয়ালী
বো খেল রহে থে হোলী
[জব হম ব্যায়ঠে থে ঘরোঁ মেঁ]-২
বো ঝেল রহে থে গোলী
থে ধন্য জওয়ান বো অপনে
থী ধন্য বো উনকী জওয়ানী
জো শহীদ হুএ হ্যায়ঁ উনকী
জরা ইয়াদ করো কুরবানী।
[কোই সিখ কোই জাঠ মরাঠা]-২
[কোই গুরখা কোই মদরাসী]-২
[সরহদ পর মরনেওয়ালা]-২
হর বীর থা ভারতবাসী
জো খুন গিরা পর্বত পর
বো খুন থা হিন্দুস্থানী
জো শহীদ হুএ হ্যায়ঁ উনকী
জরা ইয়াদ করো কুরবানী।
থী খুন সে লথপথ কায়া
ফির ভী বন্দুক উঠা কে
দস দস কো এক নে মারা
ফির গির গএ হোশ গবাঁ কে
[জব অন্ত সময় আয়া তো]-২
কহ গএ কে অব মরতে হ্যায়ঁ
[খুশ রহনা দেশ কে প্যারোঁ]-২
[অব হম তো সফর করতে হ্যায়ঁ]-২
ক্যা লোগ থে বো দিবানে
ক্যা লোগ থে বো অভিমানী
জো শহীদ হুএ হ্যায়ঁ উনকী
জরা ইয়াদ করো কুরবানী
তুম ভুল ন জাও উনকো
ইসলিএ কহী এ কহানী
জো শহীদ হুএ হ্যায়ঁ উনকী
জরা ইয়াদ করো কুরবানী
[জয় হিন্দ জয় হিন্দ
জয় হিন্দ কী সেনা]-২
জয় হিন্দ জয় হিন্দ
জয় হিন্দ জয় হিন্দ
জয় হিন্দ জয় হিন্দ।
…………………………………………………………………………
ऐ मेरे वतन के लोगों,तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का
लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर,वीरों ने है प्राण गँवाए
(कुछ याद उन्हें भी कर लो) x2
(जो लौट के घर न आए) x2
(ऐ मेरे वतन के लोगों
ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी) x2
तुम भुल ना जाओ उनको
इसलिए सुनो ये कहानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
जब घायल हुआ हिमालय
खतरे में पड़ी आज़ादी
(जब तक थी साँस लड़े वो) x2
फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा
सो गए अमर बलिदानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
जब देश में थी दीवाली
वो खेल रहे थे होली
(जब हम बैठे थे घरों में) x2
वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो अपने
थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
(कोई सिख कोई जाट मराठा) x2
(कोई गुरखा कोई मदरासी) x2
(सरहद पर मरनेवाला) x2
हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पर्वत पर
वो खून था हिंदुस्तानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
थी खून से लथ-पथ काया
फिर भी बंदुक उठा के
दस-दस को एक ने मारा
फिर गिर गए होश गँवा के
(जब अंत समय आया तो) x2
कह गए के अब मरते हैं
(खुश रहना देश के प्यारों) x2
(अब हम तो सफ़र करते हैं) x2
क्या लोग थे वो दीवाने
क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
तुम भूल न जाओ उनको
इसलिए कही ये कहानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
(जय हिन्द जय हिन्द
जय हिन्द की सेना ) x2
जय हिन्द जय हिन्द
जय हिन्द जय हिन्द
जय हिन्द जय हिन्द
…………………………………………………………………………
Ae mere watan ke logon,
tum khub lagaa lo naara
Yeh shubh din hai hum sab kaa,
lehra lo tiranga pyara
Par mat bhulo sima par,
viron ne hai praan ganvaye
[Kuchh yaad unhe bhi kar lo]-2
[Jo laut ke ghar naa aaye]-2
[Ae mere watan ke logon,
zara aankh me bhar lo paani,
Jo shahid huye hain unki,
zara yaad karo qurbaani]-2
Tum bhool naa jao unko,
isliye suno ye kahaani
Jo shahid huye hain unki
zara yaad karo qurbaani.
Jab ghayal huwa himalaya,
khatre me padi azaadi
[Jab tak thi saans lade woh]-2
phir apni lash bichha di,
Sangin pe dhar kar maatha,
so gaye amar balidaani
Jo shaheed huye hain unki,
zara yaad karo qurbaani
Jab desh me thi diwali,
wo khel rahe the holi
[Jab ham baithe the gharo me]-2
wo jhel rahe the goli
The dhanya jawan wo aapane,
thee dhanya wo unaki jawani
Jo shaheed huye hain unaki
zara yaad karo qurbaani
[Koi Sikh koi jaat maratha]-2
[koi Gurkha koyi madrasi]-2
[Sarhad par marnewala]-2
har veer tha bharatvasi
Jo khun gira parvat par,
wo khoon tha Hindustani
Jo shaheed huye hain unaki
zara yaad karo qurbaani
Thi khun se lat-pat kaya,
phir bhi banduk uthaake
Das das ko ek ne maara,
phir gir gaye hosh gawake
[Jab ant samay aaya toh]-2
keh gaye ke ab marte hain
Jab anth samay aaya toh
keh gaye ke ab marte hain
[Khush rehna desh ke pyaro]-2
[ab hum toh safar karte hain]-2
Kya log the wo diwaane
kya log the wo abhimani
Jo shaheed huye hain unaki
zara yaad karo qurbaani
Tum bhul naa jaao unko
iss liye kahi yeh kahani
Jo shaheed huye hain unaki
zara yaad karo qurbaani
[Jay hind,jay hind,jay hind ki sena]-2
Jay hind,jay hind
jay hind,jay hind
jay hind,jay hind.

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *